Little Known Facts About Shiv chaisa.
Little Known Facts About Shiv chaisa.
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
It includes forty verses (chalisa), published in the Hindi language. The chalisa is structured inside a poetic format and is particularly widely recited by devotees as a way to praise and seek blessings from Lord Shiva.
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
So, we can easily definitely choose out few minutes from our hectic timetable and pray to Lord Shiva. The most significant highlight of Shiva Chalisa is that it may be recited by both of those younger and aged. It might be taken up by men in addition to Females. Reciting Shiva Chalisa barely more info requires couple of minutes. It may done even in the households.
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र